Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2023 · 2 min read

अभिरुचि

हम अपने स्वामित्व में संपत्ति का मूल्यांकन उसकी उपयोगिता मूल्य के स्थान पर उसके स्वामित्व मूल्य या भावनात्मक मूल्य से करते हैं।
परिणामी प्रभाव यह होता है कि हम अपने जीवन- काल में ऐसी मानसिक संरचना के कारण इतनी सारी चीजें जमा कर लेते हैं, भले ही हमारे दैनिक जीवन में उनकी उपयोगिता कुछ भी न हो।
इनमें कलाकृतियाँ, पुरानी वस्तुऐं , दुर्लभ डाक टिकट, पुराने सिक्के और मुद्राएँ, चित्र और तस्वीरें आदि शामिल हैं; जो हमारे बेशकीमती शौक संग्रह का एक हिस्सा है।
ये वस्तुऐं कुछ हद तक हमें मानसिक संतुष्टि और भावनाओं को सांत्वना देते हैं, लेकिन सीमा से परे संग्रह के लिए सनक बन जाते हैं, जो दूसरों के सामने हमारे व्यसनी रवैये को दर्शाता है।
हम अपने बेशकीमती संग्रह से प्रसन्न महसूस कर सकते हैं, लेकिन अन्य इसे सनक के रूप में
देखते हैं, और अपने दृष्टिकोण से इसे उचित महत्व नहीं देते हैं।
हम यह नहीं समझते हैं कि अनजाने में हम ऐसी वस्तुओं को इकट्ठा करने और उनके संरक्षण में बहुत समय और पैसा लगाते हैं, जिसे दूसरों द्वारा समय और धन की बर्बादी के रूप में देखा जाता है।
हमारे संग्रह का शौक/आदत कभी-कभी हमारे परिवार में अनावश्यक विवाद, टकराव और संघर्ष को जन्म देता है, जिसे टाला जा सकता है ,
यदि हम अपनी गतिविधि को कुछ उचित हद तक सीमित करते हैं, यह समझते हुए कि हमारी गतिविधि से दूसरों को असुविधा हो सकती है।
इसलिए, हम दूसरों की भावनाओं को उचित महत्व देते हुए संग्रह की अपनी शौक गतिविधियों को जारी रख सकते हैं , और अपने जीवन में अप्रिय विवादित क्षणों से बच सकते हैं।

Language: Hindi
309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
अत्यधिक खुशी और अत्यधिक गम दोनो अवस्थाएं इंसान के नींद को भं
अत्यधिक खुशी और अत्यधिक गम दोनो अवस्थाएं इंसान के नींद को भं
Rj Anand Prajapati
अपने-अपने संस्कार
अपने-अपने संस्कार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मन में जीत की आशा होनी चाहिए
मन में जीत की आशा होनी चाहिए
Krishna Manshi
3649.💐 *पूर्णिका* 💐
3649.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
काम ये करिए नित्य,
काम ये करिए नित्य,
Shweta Soni
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
Otteri Selvakumar
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
कवि दीपक बवेजा
वीरांगना लक्ष्मीबाई
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '
"तेरे वादे पर"
Dr. Kishan tandon kranti
मूरत
मूरत
कविता झा ‘गीत’
जीया ख़ान ख़ान
जीया ख़ान ख़ान
goutam shaw
उसकी ख़ामोश आहें
उसकी ख़ामोश आहें
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी का कागज...
जिंदगी का कागज...
Madhuri mahakash
शहनाई की सिसकियां
शहनाई की सिसकियां
Shekhar Chandra Mitra
जय श्री राम कहेंगे
जय श्री राम कहेंगे
Harinarayan Tanha
उम्मीद ....
उम्मीद ....
sushil sarna
काम तुम बेहिसाब कर दो ना,,,!
काम तुम बेहिसाब कर दो ना,,,!
पंकज परिंदा
किसी की इज़्ज़त कभी पामाल ना हो ध्यान रहे
किसी की इज़्ज़त कभी पामाल ना हो ध्यान रहे
shabina. Naaz
चाबी घर की हो या दिल की
चाबी घर की हो या दिल की
शेखर सिंह
जब  भी  तू  मेरे  दरमियाँ  आती  है
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
"बेचारा किसान"
Dharmjay singh
789WIN là một trong những thương hiệu nhà cái uy tín nhất ở
789WIN là một trong những thương hiệu nhà cái uy tín nhất ở
789win
पुलवामा वीरों को नमन
पुलवामा वीरों को नमन
Satish Srijan
क्या अपने और क्या पराए,
क्या अपने और क्या पराए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय*
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Ram Krishan Rastogi
कुछ  गीत  लिखें  कविताई  करें।
कुछ गीत लिखें कविताई करें।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
Kumar lalit
Loading...