अभियंता दिवस विशेष
आज अभियंता दिवस 15 सितंबर को भारत में हर वर्ष अभियंता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत के सबसे बड़े इंजीनियर के जन्म दिवस के अवसर पर इंजिनियर डे “अभियंता दिवस” मनाया जाता है
आधुनिक भारत के विश्वकर्मा के नाम से विख्यात, ‘भारत रत्न’ से सम्मानित महान अभियंता डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
। कर्नाटक के मैसूर राज्य में रहने वाले ये महान शख्स “सर मोक्षगंदम विश्वेश्वरय्या” बाँधों का निर्माण करने वाले पहले भारतीय थे। आज वो भले ही हमलोगो के बीच नहीं है लेकिन उनके द्वारा बनाये गए कई कृतिमान आज हम सबों के बीच होने का अहसास दिलाता है। उनके द्वारा निर्माण किये गए बाँधों में आज भी उतनी ही क्षमता है जितनी उनके समय पर थी।
सर मोक्षगंदम विश्वेश्वरय्या की उपलब्धियों और देश के लिए उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए यह देश भारत उनके जन्मदिन 15 सितंबर को हर वर्ष अभियंता दिवस मनाता है।
यह उनकी प्रतिभा , कौशल, ईमानदारी और समर्पण का प्रमाण हैं। इसलिए 15 सितंबर 2016 का अभियंता दिवस, सबसे बड़े भारतीय इंजीनियर भारत रत्न एम विश्वेश्वरय्या को श्रद्धांजलि देने के लिए उल्लेखनीय है।
एम विश्वेश्वरय्या का जन्म 15 सितंबर 1860 को मैसूर (कर्नाटक) में हुआ था। पढ़ाई में बेहद होनहार विश्वेश्वरय्या ने मैसूर सरकार की मदद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पूना के साइंस कॉलेज में दाखिला लिया। इसके बाद वो महाराष्ट्र सरकार में नासिक में सहायक इंजीनियर के पद पर नियुक्त हो गए। सर एमवी के नाम से मशहूर विश्वेश्वरय्या के प्रयासों से ही कृष्णराजसागर बांध, भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क्स, मैसूर संदल ऑयल एंड सोप फैक्टरी, मैसूर विश्वविद्यालय, बैंक ऑफ मैसूर का निर्माण हो पाया। सर एमवी शिक्षा को बहुत महत्व देते थे उनके मैसूर राज्य के दीवान रहते में स्कूलों की संख्या को 4,500 से बढ़ाकर 10,500 हो गई । इसके साथ ही विद्यार्थियों की संख्या भी 1,40,000 से 3,66,000 तक पहुंच गई। मैसूर में लड़कियों के लिए अलग हॉस्टल और पहला फर्स्ट ग्रेड कॉलेज (महारानी कॉलेज) खुलवाने का श्रेय भी विश्वेश्वरैया को ही जाता है। उन दिनों मैसूर के सभी कॉलेज मद्रास विश्वविद्यालय से संबद्ध थे। उनके ही अथक प्रयासों के चलते मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
लय से संबद्ध थे। उनके ही अथक प्रयासों के चलते मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई जो देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। उनके कामों को देखते हुए साल 1955 में उन्हें सर्वोच्च भारतीय सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। सार्वजनिक जीवन में बतौर इंजीनियर उनके योगदान के लिए भारत हर साल उनके जन्मदिन को इंजीनियर डे “अभियंता दिवस” के रूप में मनाते है।
———————रवि सिंह भारती——————