अभिनंदन
इस लोकतंत्र के मंदिर में,
विजयी नायक का अभिनंदन !
जनप्रतिनिधि जो निर्वाचित हैं,
उनका भी सादर अभिवादन ।
भारत माता के चरणों में,
रथ विजयी होकर आन खड़ा !
श्रद्धा-निष्ठा का प्रण लेकर,
जनता की सेवा को उमड़ा।
गणतंत्र राष्ट्र के आँगन में,
सबके माथे अक्षत-चंदन !
बाधा कोई आकृष्ट न हो,
दृढ़ता से हो विधि का पालन।
मंत्री कोई पद-भ्रष्ट न हो ।
बहुमत के बल पर हो शासन।।
आशाएँ पूरी हो जाएँ,
हर बाधा का हो उन्मूलन ।।
निर्णय भारत के हित में हों,
प्रतिभा का नहीं निरादर हो।
संसद के दोनों सदनों में ,
प्रतिपक्षी का भी आदर हो।।
उगता सूरज खुशियाँ लाये,
हर्षित हो भारत का जनजन।