अब सौंप दिया इस जीवन का
अब सौंप दिया इस जीवन का
सब भार मशीनी हाथों में
फ्लाइट भी इन्हीं के हाथों में
ट्रेनें भी इन्हीं के हाथों में
माइक्रो था काफी साफ्ट मगर
थोड़ा सा हार्ड हो गया है अब
सर्वर हैं थक कर बैठ गये
कुछ रेस्ट चाहते हैं ये सब
आश्रित हम हो गये हैं इन पर
निर्भर है इन्हीं के हाथों में