Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2019 · 1 min read

अब याद आते है,पुराने दिन होली के –आर के रस्तोगी

अब तो याद आते है,पुराने दिन होली के |
जब गाते थे सब मिलकर गीत होली के ||

इकठ्ठी करते थे लकड़ी दो महीने पहले होली के |
बनाते थे चाँद-सितारे गोबर के दो हफ्ते पहले होली के ||

होली अब होली कहाँ रह गयी,गुंडा-गर्दी हो गयी |
होली तो अब तो समाज में नाम के लिये हो गयी ||

मिलते थे गले होली में,अब तो ये गले काटनी हो गयी |
अब तो रंग गुलाल और पानी में भी मिलावट हो गयी ||

न रहा अब जोश उल्लास,अब तो होली फीकी हो गयी |
कैसे मनाये अब होली,लकडिया भी अब महंगी हो गयी ||

अब तो याद आते है,पुराने मित्र टोली के |
अब तो याद आते है,पुरने दिन होली के ||

आर के रस्तोगी
मो 9971006425

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 389 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

अखंड भारत कब तक?
अखंड भारत कब तक?
जय लगन कुमार हैप्पी
कोमल अग्रवाल की कलम से, 'जाने कब'
कोमल अग्रवाल की कलम से, 'जाने कब'
komalagrawal750
मेरे दिल की जुबां मेरी कलम से
मेरे दिल की जुबां मेरी कलम से
Dr .Shweta sood 'Madhu'
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माणुष
माणुष
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जवाब ना दिया
जवाब ना दिया
Madhuyanka Raj
किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल
किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल
अंसार एटवी
जब कोई,
जब कोई,
नेताम आर सी
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह
अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
घटा घनघोर छाई है...
घटा घनघोर छाई है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
DrLakshman Jha Parimal
तमाशा लगता है
तमाशा लगता है
Vishnu Prasad 'panchotiya'
If someone wants you in their life, they will do anything to
If someone wants you in their life, they will do anything to
पूर्वार्थ
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 5 अप्रैल
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 5 अप्रैल
Ravi Prakash
मैं तुम में अपनी दुनियां ढूँढने लगी
मैं तुम में अपनी दुनियां ढूँढने लगी
Ritu Verma
में स्वयं
में स्वयं
PRATIK JANGID
ये क्या नज़ारा मैंने दिनभर देखा?
ये क्या नज़ारा मैंने दिनभर देखा?
Jyoti Roshni
2636.पूर्णिका
2636.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
चाहत किसी को चाहने की है करते हैं सभी
चाहत किसी को चाहने की है करते हैं सभी
SUNIL kumar
क़ुर्बानी
क़ुर्बानी
Shyam Sundar Subramanian
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
Johnny Ahmed 'क़ैस'
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
.
.
*प्रणय*
"आरजू "
Dr. Kishan tandon kranti
आज,
आज,
हिमांशु Kulshrestha
माँ
माँ
Vijay kumar Pandey
जब घर मे बेटी जन्म लेती है तो माँ बोलती है मेरी गुड़िया रानी
जब घर मे बेटी जन्म लेती है तो माँ बोलती है मेरी गुड़िया रानी
Swara Kumari arya
Loading...