// अब मैं करूं शायरी …..
// अब मैं करूं शायरी……
इश्क करके ,
इश्क की ,
आदत सी हो गई …!
अब मैं करूं शायरी ,
ये इश्क की ,
इनायत सी हो गई…!
मैं बेकरार था ,
दिल भी बेकरार
कोई वजह ना थी ,
फिर भी हुआ प्यार …!
वादा करके ,
वादा-खिलाफी हो गई
बेवफा सही बाद में ,
बगावत सी हो गई …!
इश्क करके ,
इश्क की ,
आदत सी हो गई …!
अब मैं करूं शायरी ,
ये इश्क की ,
इनायत सी हो गई….!
* * *
वफा करता हूं ,
बेवफा होता हूं
बड़ी मुश्किल में ,
हर दफा होता हूं …!
शमां जली ,
शाम से ,
शरारत हो गई
इसी शरारत से ,
इस शहर में ,
हुस्न वालों की ,
सियासत सी हो गई…!
इश्क करके ,
इश्क की ,
आदत सी हो गई …!
अब मैं करूं शायरी ,
ये इश्क की ,
इनायत सी हो गई…!
* * *
इश्क का ये सिलसिला ,
चलता ही रहेगा
ना रुकेगा ये कारवां
सिलसिलेवार हो गया…!
एक जाएगा तो ,
दूजा आएगा
फिर हाल तो ,
इस महफिल में ,
तिजारत सी हो गई…!
इश्क करके ,
इश्क की ,
आदत सी हो गई …!
अब मैं करूं शायरी ,
ये इश्क की ,
इनायत सी हो गई…!
* * *
इश्क कर लिया तो ,
क्या गुनाह कर लिया
गुनाह कर लिया भी तो ,
बेपनाह कर लिया …!
इश्क मेरा रब ,
इश्क मेरा शब्द ,
इश्क अब मेरा तो ,
रग-रग की जरूरी ,
जरूरत सी हो गई …!
इश्क करके ,
इश्क की ,
आदत सी हो गई …!
अब मैं करूं शायरी ,
ये इश्क की ,
इनायत सी हो गई …!
चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव ( छत्तीसगढ़ )