अब मेरे काल का आगमन हो रहा है
अब मेरे काल का आगमन हो रहा है
जीवन रूपी सूर्य अस्त हो रहा
दिव्य रूपी चन्द्र बादलों में पस्त हो रहा
प्रभु को मेरा नमन हो रहा है
अब मेरे काल का आगमन हो रहा
जाना है प्रभु के समीप तो भयभीत क्युं होना
किया नही कोई दुष्काम तो भयभीत क्युं होना
अगर करते हो प्रभु की आराधना ह्रदय से
तो इस अटल सत्य से भयभीत क्युं होना
अब मेरा प्रभु के चरणों में गमन हो रहा है
अब मेरे काल का आगमन हो रहा है ।।
©नितिन पंडित