अब मुझे कोई इंसान नज़र नही आता
अब मुझे कोई इंसान नज़र नही आता
पत्थरों की सिवा कोई भगवान नज़र नही आता
जलती रही दिल्ली दिन के उजयारे में
सुलगते राख के सिवा कुछ और नज़र नही आता
भूपेंद्र रावत
27।02।2020
अब मुझे कोई इंसान नज़र नही आता
पत्थरों की सिवा कोई भगवान नज़र नही आता
जलती रही दिल्ली दिन के उजयारे में
सुलगते राख के सिवा कुछ और नज़र नही आता
भूपेंद्र रावत
27।02।2020