** अब मिटाओ दूरियां **
** गीतिका **
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अब मिटाओ दूरियां सारी, कदम बढ़ाओ।
मन से सब संशय के बादल, शीघ्र हटाओ।
जब किया है प्यार जीवन में, क्यों डरना है।
कुछ हासिल करने का मन में, भाव जगाओ।
कठिन कार्य को कर दिखलाना, हर हालत में।
खूब शक्ति का संचय कर लो, आगे आओ।
खिलते मुरझाते रहते हैं, फूल प्रकृति में।
छोड़ो हर उलझन को जल्दी, अब मुस्काओ।
ठोकर खाकर भी आगे ही, बढ़ते रहना।
तूफानों पर विजय प्राप्त कर, तुम दिखलाओ।
पथ में बिखरे शूल सभी खुद, हट जाते हैं।
साथ चले जो साथी उनका, साथ निभाओ।
राहत पहुँचाना अच्छा है, प्यास बुझेगी।
बरसो हर आंगन बन बादल, जब छा जाओ।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य