अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
तेरे स्वागत करने को प्रभु सज रहा अवध मथुरा काशी।।
वलकल वस्त्रों को त्याग राजसी वस्त्र पहन कर हे राघव।
आतुर हैं दीप जलाकर दर्शन हेतु सकल भारतवासी।।
मन रही दिवाली घर घर में आगमन तेरा खुशियां लाई।
सोया भारत फिर जाग रहा ले रहा सनातन अंगड़ाई।।
🌹जय श्री राम🌹