अब बस भी कर करोना !
अब बस भी कर करोना ,
तेरे सितम का अंत होना के नहीं होना ।
देश को बना चुका है शमशान ,
कोई छोड़ा नहीं कब्रिस्तान का कोना ।
अर्थ व्यवस्था की ऐसी तैसी हो गई,
काम धंधे सब छूट गए तेरी वजह से करोना !
कैसी तूने त्राहि त्राहि मचा रखी है ,
है तरफ़ चीख पुकार और रोना धोना ।
अब सुना है तूने एक साथी ढूंढ लिया ,
पहले ही क्या तू कम था अब ब्लैक फंगस का आना ।
तुझसे झुझें या तेरे यार से लड़े ,
कश्मकश में फंस गई हमारी जान , ओ करोना !
पूरे चेहरे को तो ढकवा दिया ,
अब आंखों को भी लगता है पड़ेगा ढकना ।
दोनो मौत के फरिश्ते बनकर खड़े हो ,
कैसे बचाए अपनी जिंदगी तुम्हीं कहो ना !
चाहे जितनी सावधानियां बरत लो ,
वैक्सीन की भी दोनो खुराक खालो ,
फिर भी इंसानों को तेरा शिकार है होना ।
तेरे तो अब तक लक्षण समझ न आए ,
और अब तेरा साथी भी समझ से बाहर है ना !
क्या करें ,क्या न करें ,दिखता नहीं कोई रास्ता,
एक तरफ गहरी खौफनाक खाई और दूसरी और मौत का कुंआ ।
अब बस भी कर बख्श दो हमारी जान ,
तुम दोनो को खुदा का वास्ता , अरे ओ करोना !