अब फिक्रमंद नहीं हूँ मैं
अब फिक्रमंद नहीं हूँ मैं
न किसी अंजाम की ख्वाहिश बाकी है
जी रहा हूँ मैं
क्योंकि शेष है जीवन
दूर है मोक्ष
सांसों का बाकी है सफ़र!!!!
हिमांशु Kulshrestha
अब फिक्रमंद नहीं हूँ मैं
न किसी अंजाम की ख्वाहिश बाकी है
जी रहा हूँ मैं
क्योंकि शेष है जीवन
दूर है मोक्ष
सांसों का बाकी है सफ़र!!!!
हिमांशु Kulshrestha