अब ना पीठ दिखाओ
जो देश की चिंता करें ऐसा लिख संदेश। रग रग भर दे देश प्रेम ऐसा दे लिख उपदेश। फिक्र नहीं इस इस देश की ऐसे लेख अनेक। राई की तरह बिखर गई जो हुए कभी ना एक। यह मेरा देश है चारों हैं धाम। गंगा पवित्र नदी बहती है कल कल आठों याम। मेरे देश की मिट्टी को तुम खून से मत सा नो l यह मिट्टी नहीं सोना है इससे माथे पर लगाओ। इस मातृभूमि की रक्षा के लिए आगे कदम बढ़ाओ। दुश्मन की नजर लगी है अब पी ठ न दिखाओ।