“अब तो साँवरे आ जाओ”
अब तो सांवरे आ जाओ , दिल मे मेरे समा जाओ।।
हम तो अस्क बहाते है, बस तेरे गुण गाते है,
हालत न सम्भले है मुझसे, तरस तुम मुझपर खा जाओ।
अब तो सांवरे आ जाओ , दिल मे मेरे समा जाओ।।
सुबह शाम तेरे दर जाऊ, माखन से मैं भोग लगाऊ,
माखन खाने के ही बहाने, हे मोहन तुम आ जाओ।
अब तो सांवरे आ जाओ , दिल मे मेरे समा जाओ।।
मैया यशोदा कहती थी, तोहे माखन बड़ा पियारो है,
मैने भी गगरी है टांगी, उसे चुराने आ जाओ।
अब तो सांवरे आ जाओ , दिल मे मेरे समा जाओ।
अब तो सांवरे आ जाओ , दिल मे मेरे समा जाओ।
©प्रशान्त तिवारी”अभिराम”