अब तो दूर तलक परछाई भी नजर आती नहीं।
अब तो दूर तलक परछाई भी नजर आती नहीं।
सांवरे तेरी बांसुरी की धुन भी सुनाई देती नहीं।
इश्क में फना होने को जी चाहता है सांवरे तेरे।
दिल की धड़कन को बेवफाई दिखाई देती नहीं।
तुझसे मिलने की आस में घड़कता जाता है दिल।
बैठा हूं सांवरे तेरे दर पर, मूरत दिखाई देती नहीं।
श्याम सांवरा…