अब तो आ जाओ कान्हा
द्वापर युग में तुम अवतार लेकर
किया मानव जाति का कल्याण
कलियुग काे किसके भराेसे छाेड़़
समाधि लेकर हो गए हो अन्तर्धान
अब तो कालिया नाग और कंस
जिधर देखो साथ साथ ही है खड़ा
पुतना बकासुर अकासुर सभी के
पाप का फिर से भर गया है घड़ा
तुम्हारे पवित्र चरणाें का चिन्ह
यमुना किनारे जहाँ जहाँ है पड़ा
तेरे आने की प्रतीक्षा में अभी भी
कदम्ब का वो पेंड़ वहीं है खड़ा
सौभाग्य मेरा होता अगर धरा पर
तुम्हारा अभी भी बाल रुप होता
मैं भी तुम्हारा बाल सखा बन कर
तुम्हें अपने कंधों पर उठा के ढो़ता
तुम्हारे बांसुरी की मधुर धुन सुन
मदमस्त हो आनंद में खो जाता
तुम्हारे नैसर्गिक बाल लीला का
मैं भी भाग्यशाली साक्षी हो पाता
तुम्हारी कही गई किसी बातों का
यहाॅं आदमी अब कहाॅं देता है मोल
उसे फिर एक नई राह दिखाने को
अपने आसन से एक बार तो डोल
इतने कारण हैं अभी भी जब साथ
तो देर मत करो अब आ भी जाओ
बाल लीला के संग सुदर्शन चक्र की
फिर अपनी बाजीगरी भी दिखाओ