अब तुम भूल जाओ
हार भी हिस्सा है जीवन का
मिली हो तो उसे छोड़ जाओ
जो भी बुरा हुआ तुम्हारे साथ
अब तो उसे तुम भूल जाओ।।
जो गम छोड़ता नहीं तुम्हें
तुम ही उससे रूठ जाओ
पहुंच जाओगे मंजिल पर
गर, हार का डर भूल जाओ।।
दोस्तों ने प्यार भी तो दिया है
उनकी बात भी मान जाओ
माफी तो मांग रहे है तुमसे वो
माफ करके गलती भूल जाओ।।
देख तेरा दोस्त बुला रहा है तुम्हें
कभी तुम उसके पास भी जाओ
जो चाहते हो दोस्तों का साथ
कभी घर की राह भूल भी जाओ।।
जो जीना चाहते हो सुकून से
अहंकार को छोड़ जाओ
जो भी हो तुम पहले इंसान हो
और बाकी सब भूल जाओ।।
मिले परिवार को खुशियां जिससे
आज कुछ ऐसा बोल जाओ
हुई थी शाम को जो बहस उनसे
उसे तुम अब भूल जाओ।।
है छोटी सी ये ज़िंदगी हमारी
इसे हंसी खुशी बिताओ
हो कहीं अंधेरा दिलों में अगर
दिये रोशनी के जलाओ
निकालो अब दिल के दर्द बाहर
मिटाकर उन्हें तुम भूल जाओ।।