अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है
अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है
आग जो लगी है कल्ब में दिखानी जरूर है
तिश्र्गी है आब की वो तो बुझ ही जायेगी
तेरी और अपनी कहानी बनानी जरूर है
हया नहीं है कुछ बाकी अब तो
तेरी हर अदा में जान लुटानी जरूर है
जख्म दिए है हज़ारों उपहार में तुमने
किश्ते हर जख्म की चुकानी जरूर है
महक उठती है फिजायें तेरे आने से
तेरे आने की ये निशानी जरूर है
तेरे आने से जहां गुलशन है सारा
तबस्सुम तेरी मेहरबानी जरूर है
जोखिम ही सही डगर में कितनी भी
जिंदगी तेरे संग बितानी जरूर है
हारा नही हूँ, चंद क्षण के लिए बैठा हूँ
तुझे भी अहमियत अपनी बतानी जरूर है
तू नही साथ तो, मैं तन्हा भी नहीं हूँ
यादों के साथ तन्हाई मिटानी जरूर है
जनाज़े में आये है सब गमगुस्सार
उस वक्त कीमत तूने जानी जरूर है
नम थी आँखे कल तक जो बुझ गयी
नम आँखों की कीमत तूने अब जानी जरूर है
आश्रू सुख गए है कब्र में अब
भूपेंद्र की याद में अश्रु आने जरूर है
भूपेंद्र रावत
4/09/2017