अब तुझपे किसने किया है सितम
अब तुझपे किसने किया है सितम।
आँसू हैं क्यों अब तेरी आँखों में।।
हम तो अलग तुमसे हो गये।
क्यों नहीं खुशी अब तेरी आँखों में।।
अब तुझपे किसने ———————।।
आई नहीं थी तुम्हें तो पसंद।
मोहब्बत हमारी, बस्ती हमारी।।
अब तो तुम हो राजा की रानी।
क्यों नहीं सुकून अब तेरी आँखों में।।
अब तुझपे किसने———————।।
कमत्तर तुम्हें तो लगती थी कल।
किस्मत हमारी, हस्ती हमारी।।
अब तो नहीं तुझको कोई कमी।
क्या शेष ख्वाब है अब तेरी आँखों में।।
अब तुझपे किसने——————–।।
फैली है रोशनी तेरे हर तरफ।
महके हैं फूल तेरे बाग में।।
बहुत फिक्र है तेरी तेरे सनम को।
क्या गम है अब तेरी आँखों में।।
अब तुझपे किसने———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)