– अब तक था में आम अब खास हो जाऊं –
– अब तक था में आम अब खास हो जाऊ –
नही थी सेलिब्रेटी बनने की आस,
नही थी कभी भी हाई फाई बनने की चाह,
नही बनना था मुझे दिखावे की आड़,
नही करना था मुझे अपनी स्थिति का गुमान,
नही करना था मुझे अपनी प्रतिभा का गुणगान,
नही करना था मुझे कभी अपने आप पर नाज,
नही पहनना था मुझे सेलिब्रेटी होने का ताज,
पर करू भी तो क्या करू,
दुनिया को नही आती मेरी सादगी रास,
जो में हु अब वो में दुनिया को बतलाऊ,
हु में अपने आप में शारदे मां का दास,
मेरी लेखन प्रतिभा पर है मां शारदे का आशीर्वाद,
अब दुनिया में अपने जलवे दिखलाऊ,
में दुनिया को मेरी औकात दिखाऊं,
अब तक था में आम अब खास हो जाऊ,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान