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17 Dec 2023 · 1 min read

अब कोई मफा़दात से हट कर नहीं मिलता

अब कोई मफा़दात से हट कर नहीं मिलता
इख़लास किसी शख़्स के अन्दर नहीं मिलता

इक बूंद ने वह आग लगाई है जिगर में
जो प्यास बुझा दे वह समन्दर नहीं मिलता

हसरत है तो गहराई में जाना ही पड़ेगा
साहि़ल पे किसी को कभी गौहर नहीं मिलता

अन्दाज़ ही सच बोलने वालों का अलग है
झूटों में बलाग़त का यह जौहर नहीं मिलता

काग़ज़ पे क़लम जिसका दिखाता है करिश्मा
मैदान-ए अ़मल में वह सुख़नवर नहीं मिलता

बरसों से भटकता हूं मैं इक शख़्स की ख़ातिर
कामिल” कुई इंसाफ़ का पैकर नहीं मिलता

कामिल बदायूंनी
8743920919

Language: Hindi
130 Views

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