अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
इस दिले – बेदाद पर है नुक़्ता चीनी
कौन सी तहज़ीब है ये नस्ले नव की
अपने ही अजदाद पर है नुक़्ता चीनी
जब मुक़द्दर में नहीं अपने रिहाई
किस लिये सैयाद पर है नुक़्ता चीनी
कह नहीं सकते किसी से हाले दिल हम
नाला -ओ – फ़रियाद पर है नुक़्ता चीनी
आप ने दी जान ‘आसी’ गुलसिताँ पर
आप की औलाद पर है नुक़्ता चीनी
आसी यूसुफपुरी