अब किसका है तुमको इंतजार
देख लिया है अब तो तुमने, अब किसका है तुमको इंतजार।
छोड़ दिया है तुमको सबने, अब किससे है तुमको प्यार।
जिसको भी तुमने अपना माना, अपनी आँखों का सपना सुहाना।
कर गए सब तुमको अकेला, अब किसपे है तुमको एतबार।
देख लिया है अब तो तुमने——————–।।
जब तक तुम्हारे पास थी दौलत, तब तक वफ़ा वो तुमसे रहें।
छोड़ा नहीं तब दामन तुम्हारा,याद सदा तुम्हें करते रहें।।
अब जब तू गर्दिश में है, मुसीबत तेरे नसीब में है।
नहीं कोई अब साथ तुम्हारे, अब किससे है तुमको दरकार।।
देख लिया है अब तो तुमने——————।।
जिसके लिए तुमने सही मुसीबत, हरपल खुशी दी जिसको तुमने।
तकलीफ जिसको नहीं होने दी, छुपा लिये गम अपने तुमने।।
रोशन किया जिसको तुमने, आबाद किया जिसको तुमने।
उसी ने किया तुमको बर्बाद, अब क्यों है उसकी मनुहार।।
देख लिया है अब तो तुमने——————।।
झूठे हैं रिश्तें, दिल की वफायें, रखते हैं खुद से मतलब सब।
सबको है मोहब्बत अपने सुखों से, जीते हैं खुद के लिए सब।।
क्यों तूने अपना लहू बहाया, उसका चमन क्यों तूने महकाया।
जबकि उसको है तुमसे नफरत, उसके लिए क्यों है तू बेकरार।।
देख लिया है अब तो तुमने——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)