अब कहाँ कोई चुपके से
अब कहाँ कोई चुपके से, ईशकिया मुलाकात करते?
ख़्यालात भी न मिले, की लोग तो सवालात करते?
यूँ न भरमाया करो, शर्तिया ख़्यालातों मे?
अब लोग दिल से, मुलाक़ात क्यूँ न करते?
शायर© किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)
अब कहाँ कोई चुपके से, ईशकिया मुलाकात करते?
ख़्यालात भी न मिले, की लोग तो सवालात करते?
यूँ न भरमाया करो, शर्तिया ख़्यालातों मे?
अब लोग दिल से, मुलाक़ात क्यूँ न करते?
शायर© किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)