अब और नहीं सोचो
सोचकर उसके बारे में
तेरी ये उम्र बीत जायेगी
रात हो गई, सो जा
दिन को नींद नहीं आएगी
इतना याद मत कर उसे
उसको मुसीबत हो जायेगी
घनघोर अंधेरा है रात में
वो चाह कर भी न आ पाएगी
आ गई जो हिचकियां उसको
सारी पोल खुल जाएगी
कल से उसके बाहर जाने पर
फिर पाबंदी लग जाएगी
है खुद की कोई फिक्र नहीं
उसकी तो थोड़ी फिक्र कर
दोस्तों की महफिल में
न उसका तू ज़िक्र कर
ऐसा नहीं तू ही याद करता है
तेरी भी याद आती है उसको
तू ही नहीं तड़पता उसके लिए
तुझसे मिलने का इंतज़ार है उसको
है परवाह तेरी उसको
बेचैन करती है तेरी उदासी उसको
बहुत इंतज़ार किया है तेरा उसने
अब और न दे तू सज़ा उसको
लेकिन तड़पा रही है
आज भी तेरी खामोशी उसको
न कर अब तू और देर
बना दे अपना जीवन साथी उसको।