अब आ भी जाओ
तुम्हें जबसे अपना बनाया है
तेरे प्यार में ही चैन पाया है
जब भी तुम्हें दिल ने पुकारा
हर बार तुम्हें सामने पाया है।।
वादा किया आने का तूने आज भी
मैं इन्तज़ार में बैठा हूं आने के तेरे
देखकर बस मासूम चेहरे को तेरे
मिल जाता है सुकून दिल को मेरे।।
है यकीं खत्म हो जाएगी जल्द ही
ये तेरे मेरे बीच की ये दूरियां भी
मुश्किल होती है मिलने में तुझे
जानता हूं तेरी मजबूरियां भी।।
जब निकलते हो तुम घर से
रहती है नज़र तुम पर ज़माने की
कब तक छुपकर मिलते रहेंगे यूं ही
आ गई है अब घड़ी तुम्हें अपना बनाने की।।
देखें है जो हमने साथ मिलकर जो सपने
घड़ी आ गई है उनको अमल में लाने की
तुम्हें डोली में सजाकर अपने घर लाने की
तुमको हमेशा के लिए अपना बनाने की।।
सोचकर ही आह्लादित हो रहा हूं
तेरे इंतज़ार में है मेरा घर भी अब
जब तू आएगा चौखट पर इसकी
फूलों की बारिश करेगा ये भी तब।।
मेरे छोटे से संसार को तुम ही
अपनी आभा से स्वर्ग बनाओगे
आकर मेरे जीवन में तुम नित
नए खुशियों के फूल खिलाओगे।।