अब आ भी जाओ..
कहती थी वो #जनवरी में आऊंगी
मिलकर तुम पर सारा प्यार लुटाऊंगी
#फरवरी महीना का दिन कम था
तेरी इंतजार मे आंखें नम था
#मार्च #अप्रैल कोरोना आ गया
घर से न निकलने का बहाना आ गया
तेज धूप से खुद को बचाना
तुम #मई #जून मे बिल्कुल मत आना
बादल बारिशों में मस्त था
वो माह #जुलाई #अगस्त था
खेतों में फसल लहलहा रही है
#सितंबर माह तुझे बुला रही है
पीली सरसों से धरती सज रही थी
जैसे तैसे #अक्टूबर भी कट रही थी
शहर रौशनी से जगमगा रही थी
माह #नवंबर दिवाली मना रही थी
शर्द मौसम का मंजर आ गया
अब आ भी जाओ #दिसंबर आ गया..