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11 Jun 2023 · 1 min read

अब अग्नि परीक्षा न होगी

कलियुग की नारी ने ठाना

वो अग्नि परीक्षा न देगी।

स्वाभिमान की खातिर अब

वो अपने वर को त्यज देगी।

नर राम कहो कब बन पाया?

मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाया ?

पर नारी सीता सी चाही

जब चाहा पाया, ठुकराया।

फिर क्यों अपेक्षा सीता से

हर युग में परीक्षा वह देगी।

अपने सतीत्व को सिद्ध करने

वो बलिवेदी को वर लेगी।

अब अग्नि परीक्षा न होगी

इस धरा पे कोई राम नहीं

और सीता जहाँ सुरक्षित हो

अब लंका जैसा धाम नहीं।
*** धीरजा शर्मा**

1 Like · 1 Comment · 298 Views
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