अब्दुल कलाम- द मिसाइल मैन
मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम अंसार परिवार में हुआ था। अपने जीवन में संघर्ष और नाकामियों से जूझने के बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। और ज़िन्दगी की असफलताओं और नाकामियों से जूझते हुए सर्वश्रेष्ट बुलंदियों को हासिल किया। अब्दुल कलाम ने कभी भी विषम परिस्थितियों से हार नहीं मानी। और अपनी दृढ़ और इच्छा शक्ति से दिखा दिया कि अगर आपके अंदर किसी चीज को पाने का जुनून है तो मंज़िल तक पहुंचना बिल्कुल भी असंभव नही है। जिन कठिन परिस्थितियों से गुजरकर जो मुकाम उन्होंने हासिल किया वो वाकई में इतना आसान नहीं था,जितना सरल अब्दुल कलाम ने करके दिखा दिया।
अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक होने के साथ साथ एक शिक्षक, लेखक,भी थे। वह हमेशा से भारत को आगे ले जाने और सुपर पावर बनाने की बात कहते थे। 5 वर्ष पूर्व आज के दिन ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन की बात सुनते ही पूरा देश स्तब्ध हो गया। कई लोगों की आंखे नम करने वाले अब्दुल कलाम ने एक हिन्दू और मुस्लिम के बीच के अंतर को मानो जैसे खत्म ही कर दिया। उन्होंने लिखा था कि,”सबसे उत्तम कार्य क्या होता है? किसी इंसान के दिल को खुश करना, किसी भूखे को खाना देना, जरूरतमंद की मदद करना, किसी दुखियारे का दुख हल्का करना और किसी घायल की सेवा करना…”
आज के युग मे पैसों के पीछे पागल हर शख्श को अब्दुल कलाम ने दिखा दिया कि बिना पैसों के भी आप खुश रह सकते हो। उन्होंने अपने जीवन भर की कमाई को अपने गांव के विकास के लिए दान कर दिया। और सदैव लोगों के विकास के लिए अपना जीवन न्यौछावर किया।
भूपेंद्र रावत
27।07।2020