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29 Sep 2024 · 1 min read

अफ़ीम की गोलियां

खाकर अफ़ीम की गोलियां
तुम रात-दिन मदहोश हो
लुट रहीं तुम्हारी बेटियां
फिर भी क्यों ख़ामोश हो…
(१)
जागकर देखो किस तरह
सारी दुनिया के सामने
डूब रहीं तुम्हारी लुटियां
फिर भी क्यों ख़ामोश हो…
(२)
बढ़ती हुई महंगाई और
बेरोज़गारी के दौर में
छिन रहीं तुम्हारी रोटियां
फिर भी क्यों ख़ामोश हो…
(३)
अब लूट के किस माल में
किसको क्या हिस्सा मिलेगा
बैठा रहे सभी गोटियां
फिर भी क्यों ख़ामोश हो…
(४)
आसन और सिंहासन की
दांतों और नाखूनों से
नुच रहीं तुम्हारी बोटियां
फिर भी क्यों ख़ामोश हो…
#geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#फेमिनिस्ट #रिबेल #नवजागरण
#औरत #feminism #woman
#रिनेसां #girls #feminist
#बेटी_बचाओ_बेटी_पढ़ाओ

Language: Hindi
Tag: गीत
18 Views
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