अफ़ीम की गोलियां
तुझे इसमें राष्ट्रवाद दिख रहा
मुझे दिख रहीं चालबाजियां!
मंदिर-मस्जिद की आड़ में वे
छिपा रहे अपनी नाकामियां!!
वक़्त के जलते हुए सवालों से
अपनी कुर्सी को बचाने के लिए!
हुक्मरान बांटा करते अक़्सर
अवाम में अफ़ीम की गोलियां!!
Shekhar Chandra Mitra