अप्रैल फूल बनाकर हँस लो
अप्रैल फूल बनाकर हँस लो
सबको आज हँसाकर हँस लो
रूठा हुआ शाम से कोई
उसको सुबह मनाकर हँस लो
क्यों बैठो हो गाल फुलाकर
थोड़ा सा पिचकाकर हँस लो
आज किसी को पास बिठाकर
इक कप चाय पिलाकर हँस लो
खेलो कूदो बच्चों जैसे
भागो और भगाकर हँस लो
पास तुम्हारे कोई न आये
घर घर सबके जाकर हँस लो
आने वाले हैं अच्छे दिन
सबको आज बताकर हँस लो
मन का बोझा हट जायेगा
शिकवा गिला भुलाकर हँस लो
झूम उठेगी सारी दुनिया
सबको गले लगाकर हँस लो