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1 Apr 2017 · 1 min read

अप्रैल फूल बनाकर हँस लो

अप्रैल फूल बनाकर हँस लो
सबको आज हँसाकर हँस लो

रूठा हुआ शाम से कोई
उसको सुबह मनाकर हँस लो

क्यों बैठो हो गाल फुलाकर
थोड़ा सा पिचकाकर हँस लो

आज किसी को पास बिठाकर
इक कप चाय पिलाकर हँस लो

खेलो कूदो बच्चों जैसे
भागो और भगाकर हँस लो

पास तुम्हारे कोई न आये
घर घर सबके जाकर हँस लो

आने वाले हैं अच्छे दिन
सबको आज बताकर हँस लो

मन का बोझा हट जायेगा
शिकवा गिला भुलाकर हँस लो

झूम उठेगी सारी दुनिया
सबको गले लगाकर हँस लो

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