अप्रैल फूल को बनाए कूल
बनाए ना आज किसी को अप्रैल फूल।
लगाईये आज वृक्ष,हो जाए सब कूल।।
हो जाए सब कूल,मिलगी सबको छाया,
बैठ के इसके नीचे,आनंदित होगी काया।
कह रस्तोगी कविराय,ऐसा सब कर पाए,
केवल वृक्ष लगाए,किसी को फूल न बनाए।।
फर्स्ट अप्रैल फूल,नही कोई है त्यौहार,
लोगो ने बना लिया है हंसी का व्यवहार।
हंसी का व्यवहार,ये है पाश्चात्य सभ्यता,
बने किसी का मजाक,इससे क्या मिलता,
कह रस्तोगी कविराय,इससे होता है कष्ट,
कभी न मनाओ भैया,अप्रैल फूल फर्स्ट।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम