अपने ही अक्श के निशां ढूंढो
छत पे चढ़ो फिर,अपना ही मकान देखो.
लोग उसे तोड़ने मे चुपचाप ही लगेंगे.
उन टूटे हुए मलवों मे ही सही,
अपने ही अक्श के निशां ढूंढो.
@शायर-किशन कारीगर
छत पे चढ़ो फिर,अपना ही मकान देखो.
लोग उसे तोड़ने मे चुपचाप ही लगेंगे.
उन टूटे हुए मलवों मे ही सही,
अपने ही अक्श के निशां ढूंढो.
@शायर-किशन कारीगर