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21 Dec 2024 · 1 min read

अपने सफऱ में खुद की कमियाँ छांटता हूँ मैं ,

अपने सफऱ में खुद की कमियाँ छांटता हूँ मैं ,
खुद के गुनाहों पर खुद ही को डांटता हूँ मैं,
अब है उड़ानों की जरुरत मेरे पंखो को,
फिर भी पंखो को खुद ही के.. कांटता हूँ मैं..!!

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