अपने व्यक्तित्व को निखारो
हमें चिंता ये नहीं करनी कि वे बुरे हैं या अच्छे, फिक्र बस इतनी करनी है कि हम किधर स्टैंड करते हैं इसके लिए कुछ हद तक पैसा मैटर करेगा अपितु उससे ज्यादा आपका व्यक्तित्व। आज तुम हो कल नहीं रहोगे यही हाल अमीरों का भी है वो भी अपने जीवन के अंतिम क्षणों में अरबों-खरबों पैसे देकर भी एक सेकंड की सांस नहीं खरीद सकते, कल तुम न रहोगे ये दुनिया तब भी चलती रहेगी, फिर लोग बदल जाते हैं वे आपको अच्छा बताते फिरते हैं, जीते-जी कोई आपके प्रति दिल से इतना सौहार्द नहीं बढ़ाएगा मर जाने बाद लोग ऐसा ही करते हैं, एक दूसरे में बुराइयाँ देख रहे हैं सब, तुम्हें क्या पड़ी है अपने को सवारों व्यक्तित्व को निखारो।