*अपने भारत देश को, बॉंट रहे हैं लोग (कुंडलिया )*
अपने भारत देश को, बॉंट रहे हैं लोग (कुंडलिया )
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अपने भारत देश को, बॉंट रहे हैं लोग
जाति-व्यवस्था पर टिका, इनको भाता योग
इनको भाता योग, रोग प्रतिदिन फैलाऍं
चाह रहे हैं राज्य, केंद्र पर छा-छा जाऍं
कहते रवि कविराय, क्षुद्र हैं इनके सपने
दुर्बल करते देश, बंधु यह कैसे अपने
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451