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12 Nov 2024 · 1 min read

अपने बच्चे की रक्षा हित,

अपने बच्चे की रक्षा हित,
जब पिता ढाल बन जाता है।
इन्सानों की क्या है मजाल,
ईश्वर भी स्वंय झुक जाता है।
मुश्किल से भी मुश्किल डगर,
हंस के वो पार कर जाता है।
अपने बच्चे के लिए पिता ,
यमराज से भी लड़ जाता है।
सर पर रख दे जो हांथ पिता,
सब डर छूमंतर हो जाए।
साथ पिता का हर बच्चे के लिए,
उसका सम्बल बन जाए।
रुबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ

Language: Hindi
45 Views

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