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27 May 2023 · 1 min read

अपने दिल से

(5)
अपने दिल से लगा भी सकते हैं ।
तेरे नज़दीक आ भी सकते हैं ।।

कोई परदा नहीं है तुझसे मेरा ।
अपनी नज़रें झुका भी सकते हैं।।

ज़िन्दगी तुझसे है मेरे हमदम ।
ये हक़ीक़त छुपा भी सकते हैं ।।

रौनकें कम नहीं है चाहत की ।
अपना चेहरा दिखा भी सकते हैं ।।

बस तेरी एक ख़ुशी के लिए।
अपनी खुशियाँ लुटा भी सकते हैं।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
16 Likes · 1 Comment · 353 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
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