*अपने जो रूठे हुए, होली के दिन आज (कुंडलिया)*
अपने जो रूठे हुए, होली के दिन आज (कुंडलिया)
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अपने जो रूठे हुए, होली के दिन आज
कटुता का उनसे कहें, चलो हटा दें राज
चलो हटा दें राज, मेल के दिन ले आऍं
शुरू करें संवाद, शत्रुता सभी भुलाऍं
कहते रवि कविराय, नए देखें कुछ सपने
खेलें रंग-गुलाल, मना लें रूठे अपने
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451