– अपने जब पानी में बैठ जाए –
– अपने जब पानी में बैठ जाए –
कब तक रहेगा अपनो के भरोसे,
कब तक जोड़े रखने का करता रहेगा तू साहस,
कब तक एकता का स्वप्न देखेगा भरत,
गहलोत यहा तेरे अपने है स्वार्थ से भरे हुए,
उनको नही तेरी कोई फिक्र,
तु करता रहा अपने परिवार ,कुल, वंश,की मर्यादा का मान,
तेरे अपने तुझसे बड़े करते रहे ध्वस्त,
नही रखा मर्यादा का ध्यान,
अपने मद में अहंकार में चूर है,
अगर कुछ होता ईश्वर वरदान उनको तो,
वे दूरप्रयोग इसका भरपूर है ,
भरत तेरे अपने अब पानी में बैठ गए,
गहलोत तेरे अपने चुल्लू भर पानी के लायक,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184