Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2020 · 1 min read

अपने ग़म का शिकबा नहीं है

तेरे होठों पे जो शाइस्ता हंसी है
मुझे अपने ग़म का शिक़बा नहीं है

तेरे बारे में सोचा है बहुत कुछ मैंने
तेरे बगैर तो कुछ भी सोचा नहीं है

फक़त तुम्हे ही हमराज़ समझा है
और किसी पे भी भरोसा नहीं है

दिल की हर दीवार पे जो नाम लिखा है
वो हाथ की लकीरों में लिखा नहीं है

दिल के मसाइल बहुत संगीन होते हैं
इश्क़ कोई हंसी मज़ाक तो होता नहीं है

बहुत करते हो “अर्श” तमन्ना लैला की
हाल मजनू का तुमने क्या देखा नहीं है

1 Like · 269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2443.पूर्णिका
2443.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
🌱मैं कल न रहूँ...🌱
🌱मैं कल न रहूँ...🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
gurudeenverma198
साहसी बच्चे
साहसी बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मौज के दोराहे छोड़ गए,
मौज के दोराहे छोड़ गए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नवरात्रि - गीत
नवरात्रि - गीत
Neeraj Agarwal
प्यार जताना नहीं आता ...
प्यार जताना नहीं आता ...
MEENU SHARMA
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
Rj Anand Prajapati
ये 'लोग' हैं!
ये 'लोग' हैं!
Srishty Bansal
"" *आओ बनें प्रज्ञावान* ""
सुनीलानंद महंत
समझ आती नहीं है
समझ आती नहीं है
हिमांशु Kulshrestha
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
Phool gufran
ग्लोबल वार्मिंग :चिंता का विषय
ग्लोबल वार्मिंग :चिंता का विषय
कवि अनिल कुमार पँचोली
चांदनी रात में बरसाने का नजारा हो,
चांदनी रात में बरसाने का नजारा हो,
Anamika Tiwari 'annpurna '
करवाचौथ
करवाचौथ
Mukesh Kumar Sonkar
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
Babli Jha
चांद को तो गुरूर होगा ही
चांद को तो गुरूर होगा ही
Manoj Mahato
"चढ़ती उमर"
Dr. Kishan tandon kranti
मतदान करो
मतदान करो
TARAN VERMA
शीर्षक-मिलती है जिन्दगी में मुहब्बत कभी-कभी
शीर्षक-मिलती है जिन्दगी में मुहब्बत कभी-कभी
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
Neelam Sharma
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया
Raju Gajbhiye
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
Ranjeet kumar patre
सोन चिरैया
सोन चिरैया
Mukta Rashmi
*सभी को आजकल हँसना, सिखाने की जरूरत है (मुक्तक)*
*सभी को आजकल हँसना, सिखाने की जरूरत है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ये सर्द रात
ये सर्द रात
Surinder blackpen
👍👍👍
👍👍👍
*प्रणय प्रभात*
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
Kanchan Alok Malu
मेरे   परीकल्पनाओं   की   परिणाम   हो  तुम
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
पूर्वार्थ
Loading...