अपने आपको मस्तिष्क और हृदय से इतना मजबूत बनाओ की मृत्यु के क
अपने आपको मस्तिष्क और हृदय से इतना मजबूत बनाओ की मृत्यु के करीब होने पर भी तुम तनिक भी विचलित न हो सकों चाहे शरीर अंग भंग हो जाए या मुफलिसी आ जाए पेट में एक भी निवाला न हो और न ही उसका इंतजाम हो इस स्थिति में स्वयं को मरणासन्न मत समझना भले ही मौत बेहद करीब हो साहस नाम का गुण कभी भी मत खोना अंत स्थिति में विचार अच्छे रखना उसी विचार के अनुसार ही तुम्हे अगली योनि में जन्म मिलेगा प्रभु के नाम का सुमिरन उनके चरण की धूल को सदा मस्तिष्क पर लगाकर चलना।
RJ Anand prajapati