अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था, अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था, मगर तनहाईयों ने वफ़ा का फरेब खींचा था ©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”