*अपने अपनों से हुए, कोरोना में दूर【कुंडलिया】*
अपने अपनों से हुए, कोरोना में दूर【कुंडलिया】
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अपने अपनों से हुए , कोरोना में दूर
श्रद्धाँजलि तक दे सके ,कब उनको भरपूर
कब उनको भरपूर , नहीं हो पाया तीजा
हुआ कारुणिक दृश्य ,काल पर कहाँ पसीजा
कहते रवि कविराय ,दुख-भरे दिन हों सपने
लौटे कभी न व्याधि ,न असमय जाएँ अपने
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451