अपनी क़लम से मैं लोगों की जुबां
अक्सर अपनी कलम से मैं लोगो की जुबाँ रखता हूँ
जाकर कहदो दुश्मनों से दिल में हिन्दुस्तां रखता हूँ
जिस दिन दिल चाहेगा जा तिरंगा लहौर लहरा दूंगा
नाम आज भी अपना सम्राट अशोक महाँ रखता हूँ
अशोक सपड़ा की कलम से दिल्ली से
अक्सर अपनी कलम से मैं लोगो की जुबाँ रखता हूँ
जाकर कहदो दुश्मनों से दिल में हिन्दुस्तां रखता हूँ
जिस दिन दिल चाहेगा जा तिरंगा लहौर लहरा दूंगा
नाम आज भी अपना सम्राट अशोक महाँ रखता हूँ
अशोक सपड़ा की कलम से दिल्ली से