अपनी ही निगाहों में गुनहगार हो गई हूँ
अपनी ही निगाहों में गुनहगार हो गई हूँ
हर सजा की मैं हक़दार हो गई हूँ
तमाम उम्र नहीं देखूंगी ख़ुद को आईने में
ऐ ख़ुदा! मैं इतनी दागदार हो गई हूँ
– Trishika S Dhara
अपनी ही निगाहों में गुनहगार हो गई हूँ
हर सजा की मैं हक़दार हो गई हूँ
तमाम उम्र नहीं देखूंगी ख़ुद को आईने में
ऐ ख़ुदा! मैं इतनी दागदार हो गई हूँ
– Trishika S Dhara