Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2023 · 1 min read

सफलता

अपनी सफलता के लिए स्वयं शोर मचाने की जरुरत नहीं होती है,यह कार्य दूसरे लोग इमानदारी के साथ कर देते हैं॥

Babli Jha

468 Views

You may also like these posts

सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
*प्रकटो हे भगवान धरा पर, सज्जन सब तुम्हें बुलाते हैं (राधेश्
*प्रकटो हे भगवान धरा पर, सज्जन सब तुम्हें बुलाते हैं (राधेश्
Ravi Prakash
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
आर.एस. 'प्रीतम'
आर्केस्ट्रा -ए -इंस्टा
आर्केस्ट्रा -ए -इंस्टा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
- लाजवाब हो तुम -
- लाजवाब हो तुम -
bharat gehlot
कविता की कथा
कविता की कथा
Arun Prasad
स्त्री
स्त्री
Dr.Pratibha Prakash
प्रेम का वक़ात
प्रेम का वक़ात
भरत कुमार सोलंकी
सृजन
सृजन
अनिल मिश्र
घर में रचे जाने वाले
घर में रचे जाने वाले "चक्रव्यूह" महाभारत के चक्रव्यूह से अधि
*प्रणय*
जाके हॄदय में राम बसे
जाके हॄदय में राम बसे
Kavita Chouhan
फूल और तुम
फूल और तुम
Sidhant Sharma
**सत्य**
**सत्य**
Dr. Vaishali Verma
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Neeraj Agarwal
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
*कच्ची उम्र की पक्की दोस्ती*
*कच्ची उम्र की पक्की दोस्ती*
ABHA PANDEY
तुम बदल जाओगी।
तुम बदल जाओगी।
Rj Anand Prajapati
कविता
कविता
Rambali Mishra
परीक्षा शब्द सुनते ही बच्चों में परीक्षा के प्रति डर पैदा हो जाता है आखिर क्यों ?
परीक्षा शब्द सुनते ही बच्चों में परीक्षा के प्रति डर पैदा हो जाता है आखिर क्यों ?
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2840.*पूर्णिका*
2840.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Erikkappetta Thalukal
Erikkappetta Thalukal
Dr.VINEETH M.C
जनता नहीं बेचारी है --
जनता नहीं बेचारी है --
Seema Garg
उम्मीद
उम्मीद
ओनिका सेतिया 'अनु '
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
सत्य कुमार प्रेमी
ईश्वरीय विधान
ईश्वरीय विधान
Sudhir srivastava
आज रात
आज रात
Kshma Urmila
आग और धुआं
आग और धुआं
Ritu Asooja
बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने
बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने
Shweta Soni
अपना नैनीताल...
अपना नैनीताल...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Remembering that winter Night
Remembering that winter Night
Bidyadhar Mantry
Loading...