Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

अपनी सदाकत के अरकान नही मरने दिए

अपनी सदाकत के अरकान नही मरने दिए
जमीन मे मिल गये अरमान नही मरने दिए

अपने अंदर के जलजलों को रवां दवां रखा
अपने ख्यालातों के तूफान नही मरने दिए

सब कुछ मार दिया हमने गर्दिश के पहलू मे
मगर तेरे खुसुसी एहसान नही मरने दिए

कितने बावफ़ा हैं हम लोग की बिछड़ के भी
बरबाद मुहब्बतों के जहान नही मरने दिए

हम हाकिम थे हम पर थी सब की जिम्मेदारी
हम खुद लड़े हमने दरबान नही मरने दिए
मारूफ आलम

Language: Hindi
243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
Sanjay ' शून्य'
शीर्षक – निर्णय
शीर्षक – निर्णय
Sonam Puneet Dubey
एहसास
एहसास
Er.Navaneet R Shandily
आम के छांव
आम के छांव
Santosh kumar Miri
मेरा हाथ
मेरा हाथ
Dr.Priya Soni Khare
बड़ी तक़लीफ़ होती है
बड़ी तक़लीफ़ होती है
Davina Amar Thakral
" ये धरती है अपनी...
VEDANTA PATEL
बने हुए मिल गए कुछ रास्ते सफ़र में
बने हुए मिल गए कुछ रास्ते सफ़र में
Saumyakashi
Even the most lovable, emotional person gets exhausted if it
Even the most lovable, emotional person gets exhausted if it
पूर्वार्थ
*पुस्तक का नाम : लल्लाबाबू-प्रहसन*
*पुस्तक का नाम : लल्लाबाबू-प्रहसन*
Ravi Prakash
जय हो भारत देश हमारे
जय हो भारत देश हमारे
Mukta Rashmi
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
Shweta Soni
कोई  फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
कोई फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
Neelofar Khan
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
कवि दीपक बवेजा
#लोकपर्व-
#लोकपर्व-
*प्रणय प्रभात*
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
surenderpal vaidya
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है
Saraswati Bajpai
चन्द्रमा
चन्द्रमा
Dinesh Kumar Gangwar
रवींद्र नाथ टैगोर
रवींद्र नाथ टैगोर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
जैसी बदनामी तूने मेरी की
जैसी बदनामी तूने मेरी की
gurudeenverma198
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
2797. *पूर्णिका*
2797. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" सबक "
Dr. Kishan tandon kranti
जवानी के दिन
जवानी के दिन
Sandeep Pande
संवेदना
संवेदना
Ekta chitrangini
Loading...