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30 Dec 2021 · 1 min read

अपना मन…???

अपनों से मिलते धोखों से
धीरे- धीरे टूट रहा है

अब तक सच जिसको समझा था
वो सब तो बस झूठ रहा है

हासिल जो भी हुआ था अब तक
वो सब पीछे छूट रहा है

औरों को खुश करते-करते,
अपना मन अब रूठ रहा है।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 249 Views
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